कर्नल टोड वाक्य
उच्चारण: [ kernel tod ]
उदाहरण वाक्य
- कर्नल टोड हारमर ने कहा, '' आज मैंने अपना महत्वपूर्ण साथी खो दिया है।
- कर्नल टोड लिखते हैं कि अकबर ने एकलिंग की मूर्ति तोड़ी और उस स्थान पर नमाज पढ़ी.
- कर्नल टोड ने शेखावाटी का क्षेत्रफल ५४०० वर्ग मील होने का अनुमान लगाया है जो अतिशयोक्तिपूर्ण एवं अविश्वसनीय है।
- वे सिर पर भारी नहीं लगते है।‘‘ कर्नल टोड के इस कथन से बीकानेर की ऊन की महत्व और भी ज्यादा बढ जाता है।
- कर्नल टोड के ” राजस्थान के इतिहास ' में लिखा है कि:-सीहाजी ने गुहिलो को भगा कर लुनी के रेतीले भाग मे बसे खेड पर अपना राठौडी झण्डा खड़ा किया ।
- इसका वर्णन कर्नल टोड सन् १८२९ में अपनी पुस्तक ‘‘ एनल्स एण्ड एंटीक्वीटीज ऑफ राजस्थान ‘‘ मे कुछ इस तरह से करते है ‘‘ रेगिस्तान में चराई जाने वाली भेडो की ऊन, ऊन से वस्तुएं या उत्पाद बनाने एवं व्यापार करने के दोनों के कामों में इस भाग के लोग ऊन को काम में लेते है।
- इसके लिए राजपूत, इतिहासकारों का अहसानमंद नहीं हो सकता क्योकि राजपूतो ने अपनी वीरता, त्याग एवं बलिदान का जो कौशल दिखाया; वह संसार कि किसी जाति ने प्रदर्षित नहीं किया! कर्नल टोड ने “ हिस्टरी ऑफ़ राजपुताना ” में लिखा है कि “ विश्वास ही नहीं होता है कि राजपूत जैसी जाति मूलतः भारतीय ही हो ”!
- तब उसने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि किसी भी हालत में मरेंगे तो राजपूत ही और फायदा इस्लाम का होगा. २५. कर्नल टोड लिखते हैं कि अकबर ने एकलिंग की मूर्ति तोड़ी और उस स्थान पर नमाज पढ़ी.२६. एक बार अकबर शाम के समय जल्दी सोकर उठ गया तो उसने देखा कि एक नौकर उसके बिस्तर के पास सो रहा है.
- इसके लिए राजपूत, इतिहासकारों का अहसानमंद नहीं हो सकता क्योकि राजपूतो ने अपनी वीरता, त्याग एवं बलिदान का जो कौशल दिखाया ; वह संसार कि किसी जाति ने प्रदर्षित नहीं किया! कर्नल टोड ने “ हिस्टरी ऑफ़ राजपुताना ” में लिखा है कि “ विश्वास ही नहीं होता है कि राजपूत जैसी जाति मूलतः भारतीय ही हो ”! उसने आगे लिखा है कि राजपूताने की चप्पा-चप्पा भूमि थर्मपोली है!
- कुछ लोग जिनमें इतिहासकार भी शामिल है जयचंद को हिन्दू साम्राज्य का नाशक कहकर उससे घरना प्रकट करते है | और कुछ उनके पौत्र सीहा जी पर पल्लीवाल ब्राहमणों को धोखे से मार कर पाली पर अधिकार करने का कलंक लगाते है | वास्तव में देखा जाए तो इसे लोग इन कथाओं को “ बाबा वाक्य प्रमाणं ” समझ कर, या ‘ पृथ्वीराज रासो ' में और कर्नल टोड के ” राजस्थान के इतिहास ' में लिखा देख कर ही सच्ची बात मान लेते है लेकिन वास्तविकता पर गौर नहीं करते है |
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